MP के छोटे से गांव के शिल्पकार मो. बिलाल के हौंसले की कहानी
मेहनत के साथ यदि हौंसले बुलंद हों तो निश्चित रुप से शिखर पर पहुंचते हैं। मेहनतकश लोग अपनी राह बना ही लेते हैं। मध्यप्रदेश के धार जिले में बाग नामक छोटे से गांव के 33 वर्षीय शिल्पकार मो. बिलाल खत्री उन्हीं शख्शियत में से एक हैं। बिलाल ने अपनी पारंपरिक कला को दुनियाभर में पहचान दी है और मध्यप्रदेश को गौरवान्वित करने वाले बिलाल को भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय द्वारा हस्तशिल्प के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया है।
बिलाल को यह कला भले ही विरासत में मिली है, लेकिन उन्होंने इसे नई पीढ़ी जोड़ा और अपनी कला से गांव को एक पहचान दी है। बिलाल के पिता यूसुफ खत्री एक ‘शिल्प गुरु’ और दो राष्ट्रीय पुरस्कारों के विजेता हैं, जिन्होंने बिलाल को बाग रूपांकनों की पेचीदगियों से रूबरू कराया। बिलाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, “बाग एक मरती हुई कला है, जब तक इसे पुनर्जीवित करने के प्रयास नहीं किए गए, यह विलुप्त हो जाएगा, एमपी 80 प्रतिशत आदिवासी आबादी वाला राज्य है। अब समय आ गया है कि आदिवासी युवाओं को हमारे पारंपरिक कला रूपों में महारत हासिल करना सिखाया जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध हों”।
नौवीं पीढ़ी के मास्टर शिल्पकार बिलाल ने कहा, “मुझे इस बात पर गर्व है कि मुझे अपने बाग प्रिंट के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिल रहा है, जिसे मैंने बांस की दरी पर शामिल किया था। यह पुरस्कार सर्दियों में दिल्ली में एक औपचारिक समारोह में दिया जाएगा, लेकिन इसने मुझे अपनी पुश्तैनी कला को जीवित रखने के लिए मेरी लड़ाई में उत्साह बढ़ाया है।
चीन के लोग भी हुए बाग प्रिंट के कायल…
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता मोहम्मद बिलाल खत्री ने चीन के गुझाओं में अंतरराष्ट्रीय फॉक कल्चर टूरिज्म प्रोडक्ट एक्सपो-2017 में परंपरागत आदिवासी बाग प्रिंट हस्तकला का प्रदर्शन किया था। इस आयोजन में विश्व के 50 देशों ने हिस्सा लिया था। बाग प्रिंटर्स खत्री ने चीन की भौगोलिक एवं सांस्कृतिक परिस्थितियों को मद्देनजर रखते हुए आधुनिक और परंपरागत परिधान डिजाइन किए थे। इन परिधानों को चीन वासियों को उनके आधुनिक परिधानों के साथ भारतीय कलेवर की परंपरागत रिमिक्स के साथ प्रस्तुत किया गया था। बाग प्रिंट कृतियों को चीन वासियों ने पसंद किया। फॉक एक्सपो की डायरेक्टर सन यूकी ने बाग प्रिंट की सराहना करते हुए बाग प्रिंट के कलाकारों को आगे और भी मौके दिए जाने की बात कही। मोहम्मद बिलाल खत्री चीन के दोंगयोंग में वर्ल्ड क्राफ्ट्स काउंसिल की 50वीं गोल्डन जुबली सेलिब्रेशन समिट एवं एक्जीबिशन-2014 मे भी यादगार प्रदर्शन कर चुके हैं।
चर्चा में क्यों?
16 अगस्त, 2021 को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार के लिये पारंपरिक बाग प्रिंट हस्तशिल्प कला में ठप्पा छपाई को नये आयाम देने वाले मध्य प्रदेश के धार ज़िले के छोटे से कस्बे बाग से एकमात्र युवा शिल्पी बिलाल खत्री का चयन हुआ है। राष्ट्रीय वस्त्र मंत्रालय के हस्तशिल्प आयुक्त द्वारा गठित राष्ट्रीय चयन समिति ने राष्ट्रीय पुरस्कार, 2018 के लिए राज्य के युवा शिल्पकार बिलाल खत्री का चयन हैंड ब्लॉक प्रिंट बाँस चटाई के लिए किया है। बिलाल खत्री को वर्ष 2011 में राष्ट्रीय मेरिट हस्तशिल्प पुरस्कार एवं वर्ष 2018 में प्रथम विश्वकर्मा पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
शिल्पकार बिलाल खत्री ने राष्ट्रीय पुरस्कार के लिये बाग प्रिंट ठप्पा छपाई में बाँस की चटाई प्रस्तुत की थी। इससे प्राकृतिक रंगों के समावेश के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर ताजमहल और लाल किले के नमूने का प्रयोग किया गया था। बिलाल कई देशों में अपनी पुश्तैनी बाग प्रिंट ठप्पा छपाई का प्रदर्शन भी कर चुके हैं।