कदम का पहला कदमः जब पूरी रात कलारी के सामने अकेली बैठी रही लड़की
देशी-शराब की दुकान के सामने एक लड़की का अकेले रात गुजारना। ऐसे दृश्य आमतौर पर फिल्मों में ही देखने को मिलते हैं। लेकिन सामाजिक संस्था कदम ने अपने पहले कदम की शुरुआत इसी अंदाज में 1999 में की थी। परिणाम स्वरूप इस देशी-शराब की दुकान को बीच शहर से हटा दिया गया। जबलपुर के रांझी में स्थित इस संस्था को लगभग 21 साल हो गए हैं और 17 जुलाई 2004 में इनके द्वारा शुरू की गई रोजाना एक पौधा लगाने की मुहिम को 17 साल हो चुके हैं। प्रतिदिन संस्था के सदस्य किसी ना किसी शख्स के जन्मदिन पर एक पौधा रोपते हैं। यही वजह है कि 2009 में इस अभियान को लिम्का बुक में शामिल किया गया। कदम संस्था के संस्थापक योगेश गनौरे ने परफेक्ट इंडिया से बातचीत में बताया कि कलारी हटाने का यह अभियान लगभग 2 महीने तक चला था। इसी तरह लगभग 6000 दिनों से संस्था के सदस्य ठीक 10 बजे जन्मोत्सव पर पौधरोपण करते हैं। इस पौधरोपण अभियान के तहत अब तक 10,000 व्यक्तियों ने अपना जन्मोत्सव और 1200 लोगों ने शादी की सालगिरह बनाई।
विभिन्न समाजों की स्वागत योग्य सहभागिता …
यह अभियान अभी तक 300 से ज्यादा शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक संस्थाओं में चलाया जा चुका है। पौधरोपण उन्हीं संस्थाओं में किया जाता है, जहां बाउंण्ड्री बॉल हो, पानी, माली की व्यवस्था हो और संबंधित संस्थान पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी ले। जबलपुर के विभिन्न समाजों की स्वागत योग्य सहभागिता ने इस अभियान को प्रथा बनाने के मंसूबो को मजबूती दी। जिसके तहत 600वां पौधा अग्रवाल समाज, 700वां पौधा गहोई वैश्य समाज, 800वां पौधा कच्छ गुर्जर समाज, 1300वां सिख समाज, 1400वां सिंधि समाज, 1600वां पटबाबा समिति, 1700वां पौधा महाकौशल कॉलेज, 1800वां माहेश्वरी समाज और 1900वां पौधा मारवाड़ी समाज द्वारा रोपा गया।
गोल्डन ट्री गार्ड और प्लांट फॉर पीस का संदेश…
1000वां पौधा मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय ईश्वरदास रोहाणी के आतिथ्य में भंवरताल गार्डन में रोपा गया था। इस पौधे का राजतिलक स्वर्णमंडित गोल्डन ट्री गार्ड के साथ किया गया था। संस्था द्व्रारा प्लांट फॉर पीस का भी आयोजन किया गया था, जिसमें 12 देशों ब्राजील, बांग्लादेश, इटली, कोलंबिया, जर्मनी, जिम्बांबे, फ्रांस, सैनेगल, फ्रांस, ब्रिटेन, ग्वाटेमाला, अफगानिस्तान और नेपाल से आए प्रतिनिधियों ने स्टारपार्क में पौधरोपण कार्यक्रम में हिस्सा लिया था।
आओ शहर को नीम से ढक दे…
जुलाई 2021 से संस्था ने एक नया अभियान शुरु किया है, जिसे नाम दिया है। ‘आओ शहर को नीम से ढक दे…’ इस अभियान के तहत संस्था का लक्ष्य है कि आगामी चार वर्षों में एक लाख नीम के वृक्षों का रोपण करना है। संस्था ने प्रथम दिवस 100 विकसित नीम के पौधो का रोपण देवताल में किया। इस संस्था के सदस्य कृष्णकांत दीक्षित, विनोद कोरी, जितेंद्र भुसारी लगातार 20 सालों से संस्था से जुड़े हुए हैं।