जिसे लोग दिमागी डॉक्टर से ईलाज करवाने के लिए कहते थे, उसी ने जीते 24 लाख रुपए
कनाडा जैसे देश में 4 लाख महीने की नौकरी, खुद का घर, स्थाई नागरिकता होने के बाद भी कुछ करने की चाह करनाल के नितिन ललित को वापिस हिंदुस्तान खींच लाई। उसके देश लौटने पर लोगों ने ये तक कहा कि हिंदुस्तान से कनाडा जाने के लिए लोग तो क्रेजी हैं और तू वापिस हिंदुस्तान लौट आया वो भी गमले बनाने के लिए। कुछ ने परिवार वालों को दिमागी डॉक्टर से दिखाने तक की बात कही। लेकिन इन सब के बावजूद नितिन ने सफलता हासिल की और आज चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय से बतौर एग्री स्टार्टअप 24 लाख रुपए की ग्रांट हासिल की है।
यह राशि वापिस नहीं लौटानी है, बल्कि उन्हें अपने बिजनेस को तेजी से आगे बढ़ाने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए दी गई है। नितिन ने इसके लिए प्लानिंग शुरू भी कर दी है। दरअसल, 24 लाख रुपए की ग्रांट नितिन को उसके गमले की इनोवेशन के लिए मिली है।
साइंटिफिक हैं गमले का डिजाइन
नितिन ललित द्वारा बनाए गए गमलें बिल्कुल साइंटिफिक हैं। 40 परसेंट वेस्ट मैटिरियल से बने ये गमलें पूरी तरह प्लास्टिक के हैं। इन्हें चारों तरफ प्लास्टिक शीट से कवर किया गया है। गमले का डिजाइन साइंटिफिक है। इसके नीचे एक वाटर टैंक दिया गया है, जिसमें पौधे की जड़ें डूबी रहती हैं। ऐसे में 20 दिन भी पानी नहीं दें तो पौधा नहीं मरेगा।
करनाल शहर के रहने वाले हैं नितिन ललित
नितिन ललित करनाल शहर के रहने वाले हैं। इस समय वे करनाल में ही काम कर रहे हैं। अल्फा प्लांटर के नाम से उन्होंने खुद की कंपनी बना रखी है। वे देश ही नहीं विदेश में भी अपने गमले भेज रहे हैं।