दुनिया की सबसे बड़ी भगवान शिव की प्रतिमा, 351 फीट ऊंची, 20 किमी दूर से दिखती है
नाथद्वारा (राजसमंद/ राजस्थान). आज सावन सोमवार है और हम आपको भगवान शिव की एक ऐसी प्रतिमा के बारे में बताने जा रहे हैं जो दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति है। राजस्थान के नाथद्वारा में दुनिया की सबसे बड़ी भगवान शिव की प्रतिमा है। इसकी लंबाई 351 फीट है। भगवान शिव की ध्यान करती मूर्ति का सिर 70 फीट लंबा है। यही कारण है कि इसे 20 किमी दूर से भी देखा जा सकता है। 25 बीघा जमीन पर बनी यह प्रतिमा भक्तों के लिए तैयार है। उदयपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गणेश टेकरी में प्रतिमा तैयार की गई है। इस परियोजना पर 2012 में काम शुरू हुआ था, इस मूर्ति को तैयार करने के लिए प्रतिदिन करीब 750 श्रमिक काम करते थे।
इसमें 2600 टन स्टील, 2601 टन लोहा, 26618 क्यूबिक मीटर सीमेंट और कॉन्क्रीट लगा है। प्रोजेक्ट के सीनियर मैनेजर मुनीष नासा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि, ‘प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। 250 किमी रफ्तार से हवा चलने के दौरान भी प्रतिमा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया है, जो 20 साल तक फीका नहीं पड़ेगा। प्रतिमा मिराज ग्रुप ने तैयार करवाई है। इसके मूर्तिकार नरेश कुमावत हैं।
4 लिफ्ट और 3 सीढ़ियां होंगी प्रतिमा के अंदर :
मूर्ति के अंदर 4 लिफ्ट हैं। 2 लिफ्ट में एक बार में 29-29 श्रद्धालु 110 फीट तक और दो लिफ्ट से 280 फीट तक 13-13 श्रद्धालु एक साथ जा-आ सकेंगे। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए तीन सीढ़ियां भी होंगी। अंदर ही पानी के 5-5 हजार लीटर के 2 वाटर हॉल बनाए हैं। एक से शिवजी का अभिषेक होता है। दूसरे का पानी आग बुझाने के लिए इस्तेमाल होगा।
दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमाएं ये हैं:
143 फीट कैलाशनाथ मंदिर, नेपाल
123 फीट, मुरुदेश्वर मंदिर, कर्नाटक
112 फीट, आदियोग मंदिर, तमिलनाडु
108 फीट, मंगल महादेव, मॉरीशस
250 करोड़ रुपए प्रोजेक्ट की लागत…
दो मंजिला पार्किंग रहेगी, जहां पर 250 कारें, 200 दुपहिया की क्षमता होगी।
13 हजार स्क्वायर फीट का अराइवल प्लेटफॉर्म है। पर्यटक सेल्फी ले सकेंगे।
17 हजार 500 स्क्वायर फीट में लेजर फाउंटेन। 500 पर्यटक लुत्फ ले सकेंगे।
52380 फीट में हैं बने हैं तीन हर्बल गार्डन।
16 एकड़ में फैला है प्रतिमा स्थल।